आज भी याद हैं.…
आज भी याद हैं मुझे,
क्या तुम्हे याद हैं?
वह कुछ पल जो सिर्फ हमारे थे.…
प्यार की बाते ही सिर्फ होती थी हमारे बिच,
लब्जो को हमारे सिर्फ मुहब्बत की खुश्बू हुआ करती थी,
हर सास तुम्हारे लिए लेते थे,
हर पल जीने में तुम्हारी तमन्ना हुआ करती थी.…
आज का दिन कितना अजीब हैं,
पास होकर भी हममें सिर्फ हम नहीं, सारा जमाना हैं,
लब्जो को हमारे खुदगर्जी की चाह हैं,
सास तो लेते हैं लेकिन, जीने का कहा एहसास हैं?
आज भी याद हैं मुझे,
क्या तुम्हे याद हैं?
वह कुछ पल जो सिर्फ हमारे थे.…
प्यार की बाते ही सिर्फ होती थी हमारे बिच,
लब्जो को हमारे सिर्फ मुहब्बत की खुश्बू हुआ करती थी,
हर सास तुम्हारे लिए लेते थे,
हर पल जीने में तुम्हारी तमन्ना हुआ करती थी.…
आज का दिन कितना अजीब हैं,
पास होकर भी हममें सिर्फ हम नहीं, सारा जमाना हैं,
लब्जो को हमारे खुदगर्जी की चाह हैं,
सास तो लेते हैं लेकिन, जीने का कहा एहसास हैं?
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